भारत जागोः
भारत प्राचीन सभ्यता वाला युवा देश है। भारत में सर्वाधिक युवा हैं। आज हम देखते है कि भारत का युवा शिक्षित है, सक्षम है, गंभीर है और अपने देश, संस्कृति व इतिहास के बारे में जानना चाहता है व पूर्ण मनोयोग से देशसेवा करना चाहता है। उसके मन में जनसामान्य की सेवा की इच्छा है। स्वामी विवेकानन्द ने जो सिंहनाद किया वह अनेक युवाओं के हृदय को छू गया और वे स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े। आज जब युवा पुनः उंची उड़ान भरने के लिए तत्पर है तब स्वामी विवेकानन्द का संदेश उन्हें भारत को नवीन ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रेरित करेगा। विश्व जगाओः
स्वामी विवेकानन्द जिन्होंने भारतीय इतिहास के सबसे अन्धेरे कालखंड में भी भारत को जगत्गुरु के रूप में उभरते हुए देखा था। प्राचीन समय में सारा विश्व भारत को गुरु मानता था। आधुनिक जगत कों स्पष्ट ध्येय व गन्तव्य की आवश्यकता है, भौतिक समृद्धि के साथ आध्यात्मिक प्रबुद्धता। अन्यथा पतन निश्चित है। भारत का आलाकित नेतृत्व उभरना केवल भारत के ही नहीं अपितु विश्व के हित में हैं। स्वामी विवेकानन्द की 150 वीं जयंती सर्वाधिक उचित अवसर है जब भारत जगतगुरु के रूप में खड़ा हो अपने समस्त सामथ्र्य एवं दायित्व को समझे और विश्व प्रबोधन करे।
सामाजिक समरसताः
स्वामीजी के संदेश को समाज के सभी वर्गों तक ले जाना समारोह का लक्ष्य है। भारतीय राष्ट्रवाद के नवजागरण का सुत्रपात करनेवाले स्वामी विवेकानन्द क्रांतिकारी चिंतक थे। उन्होने समाज की सनातन धर्म में आस्था को किसी भी प्रकार का आघात पहुँचाये बिना जनजागरण पर बल दिया था। उनकी 150 वी जयंति के अवसर पर समाज के सभी वर्ग उत्स्फूर्त सहभाग के लिये आतूर हैं। सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजन समिति ने समाज के सभी अंगों के सहभाग को सुनिश्चित करने के लिये पाँच विभागों में पंचमुखी कार्यक्रमों की योजना बनाई है।
Manav Jago Vishav Jagao
जवाब देंहटाएंManavta Ke Dip Jalakar,Virat Shakti Pragatao.....